आज कलकिसी से कोई काम करवाना होकई दिनों तक वह केवल आप की बात सुनता हैकई महीनो तक केवल विचार करता है फिरकुछ मिनटों का कामकुछ महीनों में निपटा देता है यही कार्य प्रणालीकई ऑफिसरोंकर्मचरियों के घट- घट मेंईश्वर की
नाई की दूकान
दूकान पर जाकर बोलेसुनलो नाई पुत्र नरेश ।आजजल्दि डाढ़ी बनादोगाड़ी पकड़नी है एक्सप्रेस ।। इसे उठादेहजामत की कुर्सी परमुझे बिठादे ।इनके पैसे भीमुझसे लेलेनामुझे जल्दि से जल्दि निपटादे ।। शर्माजी की शादी हैहमें बारात की बस में बैठना ।मनुहारें तो
प्यास
मई-जून कीइस तपती दोपहरी मेंफ्रिज केठण्डे जल कागिलास भी मेरे लिएरूचिकर नहीं हैक्योंकिअभी-अभी तोसो कर उठा हूँमैंकूलर की हवा से ।
दूध की गंगा बहायें
मनुश्यमशीने बनाता-बनाताआज खूद मशीन बन गयाजिसेमशीने भी नहीं समझ पा रही है किउसमें कहां-कहां विकृतियां मेरा दावा हैदुनिया की कोई भी मशीनएक दिन सब कुछ कर लेगीमगरअधूरे इंसान का पूरा ईलाजकभी नहीं कर पाएगी क्योंकि इसके तोनस-नस में इतना विष
जवानी की कहानी
जवानी ऐसी आग है जो आग से ही बुझती कैसे जैसे लोहा लोहे को काटता है । आश्चर्य तो यह जो इस आग को बुझाने आते बड़े शौक से रजाबंदी से खुद भी जल जाते वे आग बुझाते ही रहते
रोटी का टुकड़ा
सौ मंजिल ऊँची ईमारत केसुनहरी झरोखे सेगोरे हाथों ने फेंकाएक सूखी रोटी का टुकड़ाजो गिरासीधा एक भिखारी के कटोरे मेंऔर झटके से बंद कर दिएसतरंगी चूडियों नेकांच के किंवाड़भिखारी चला गयाकिन्तु मैं अभी तक वहीं खड़ा हूँतभी से सोच रहा
कर्जो काळो नाग हे
जाता-जाता के गया , बूडा-ठाडा लोग |कर्जो काळो नाग हे , लख उपजावे रोग ||लख उपजावे रोग , मूंगी ईंकी दवाई |आंसू केता जाय , लोग हूणे न लुगाई ||के ‘वाणी’ कविराज , मले मूंडा मचकाता|छीप-छिप काढे दांत , भायला
सुनो शिल्पकार
अरे शिल्पकारधन्यवाद तुम्हें बारम्बारधन्य तुम्हारी कला ,धन्य तुम्हारे छैनी गज और हथोड़ेजो गिनती में बहुत थोड़े | आश्चर्य तुम पंद्रह दिनों में हीकिसी भी उपेक्षित पत्थर को भगवन बना देते होहम कलम के धनी होकरपन्द्रह वर्षो में भीइन्सान को इन्सान
वह भी हारा
वह भी हारा जो अंतिम स्वांस तक लड़ता – लड़ता दुश्मनों से हारा उससे ज्यादा वह हारा जिसने दुश्मनों के सामने डाल दिए हथियार और उठा लिए अपने हाथ उपर उससे ज्यादा तो वे हारे जिन्होंने हथियार ही नहीं उठाए
काला धुँआ
मुझे दिख रहा तुम्हारा चेहरा धुन्धलाऔरतुम्हें मेराक्योंकि दोनों के बीच मेंभौतिकता काकाला धुँआ |