समय समय पर करो रक्त दान । हर जुबां कहेगी कितना महान ॥ कवि अमृत ‘वाणी’अमृतलाल चंगेरिया (कुमावत)
Rajasthani Kavita : Baran Bind
Shorya – 2015 , Mewar Itihas Ra Doha kavi amrit wani
संता पे किरपा करो
संता पे किरपा करो, प्यारा पवन कुमार । साँसा सो बरसां चले , सुमिरे यो संसार ॥ कवि अमृत ‘वाणी’
आओ ऐसे दीप जलाए…………
आओ ऐसे दीप जलाए | अंतर मन का तम मिट जाए || मन निर्मल ज्यूं गंगा माता | राम भरत ज्यूँ सारे भ्राता || रामायण की गाथा गाए | भवसागर से तर तर जाए || चोरी हिंसा हम दूर भगाए
जीवन ढल गया………..
जो जलना था वो सब जल गया ।जो गलना था वो सब गल गया ।।‘वाणी’ दर्द, दर्द सा लगता नहीं अब ।दर्द के सांचों में जीवन ढल गया ।। कवि अमृत ‘वाणी’
दोश्त
आओ , सभी से हॅंस-हॅंस कर मिले । मतलबी आॅंखें कल खुले ना खुले ।। ’वाणी’ ऐसे हाथ मिलाओ दोश्तो से । जमाना कहे आज इनकेे नशीब खुले ।। कवि अमृत ‘वाणी’
नोटा री गड्डियां
नोटा री गड्डियांअन कलदारां री खनक में तो ई दुनिया में हगलाई हमझे । पण लाखीणा मनक तो वैज वेवे जो रोजाना मनक ने मनक हमझे ॥ ‘वाणी’अतरी झट बदल जावे ओळखाण मनकां कीआछा दनां में मनकमनक ने माछर हमझे
Hacked By N3X0000S
~!Hacked By N3X0000S Hacked By N3X0000S Greetz : Prosox, Kuroi SH, Tar7k, G0v3rn, Nitroz \!/@N3X0000S https://twitter.com/N3X0000S ~Hacked By N3X0000S\!/ Hacked By N3X0000S! !
नीलाम्बर के उस पार…..
नीलाम्बर के उस पार छिपकर बैठा वो अचूक बाजीगर विगत लाखों वर्शो से जिसको जैसे नचाना चाहता है उसे उसकी लाख इन्कारियों के बावजूद भी उसी तरह नाचना पड़ता है जिस तरहां ईश्वर चाहता है। वह ऐसा हठीला हाकिम भी