गुनाहों की दुनिया में
ह्म
हर गुनाह से बचते रहे
इसीलिए कि हमारे
नन्हें मासूम बच्चे हैं
मगर
बेगुनाह होना ही
कितना बड़ा गुनाह हो गया
कि
आज कल गुनहगारों की बस्ती में
बेगुनाहों के घर
सरे आम तबाह हो रहें |

गुनाह