भूख मर्यो

बालपणा रो नाम भीखा मारू हो पण आखा गॉंव का साथीड़ा वांके नाम को सरलीकरण करता -करता वींको उपनाम भूखमर्यो राक्यो । वसान अक्कल का माइक्रोस्कोप उं देखां तो भूखमर्या में भी मंग्तापणा का कतराई त्र्या का वाइरस फूल गोबी

भोळाबा

गाँव का अनपढ़ भोळाबा की रई जसी मुसीबत वीं दान एकदम परवत जसी विकराल बणगी, जणी बगत मोटा शहर में हात–आठ जणा का हण्डाउं कजाणा कसान ई वे अचानक बिछुड़ग्या । हाल तो एक घण्टोई न व्यो वेई अन छीज–छीज

परसाद्यो भगत (राजस्थानी कहानी)

आकाई गाँव में दो नाम मनकां की जिबान पे छड्या थका हा। एक भगवान शंकर को नाम अन एक वांको लाड़लो परसाद्यो भगत । यो गाँव बस्यो जदकाई ये दोई नाम गाँव के साथे-साथे रिया । गांव वाळा को कसोई