आओ ऐसे दीप जलाए | अंतर मन का तम मिट जाए || मन निर्मल ज्यूं गंगा माता | राम भरत ज्यूँ सारे भ्राता || रामायण की गाथा गाए | भवसागर से तर तर जाए || चोरी हिंसा हम दूर भगाए
आओ ऐसे दीप जलाए | अंतर मन का तम मिट जाए || मन निर्मल ज्यूं गंगा माता | राम भरत ज्यूँ सारे भ्राता || रामायण की गाथा गाए | भवसागर से तर तर जाए || चोरी हिंसा हम दूर भगाए