खुश रहे बहिनें

खुश रहे बहिनें , पल पल यही ख्याल आए |आफ़त के वक़्त भाई बहन की ढ़ाल बन जाए || करता रह इस तरहां तू हिफाजत अपनी बहनों की |कि हुमायूँ से भी बेहतर तेरी मिशाल बन जाए || कवि :-अमृत‘वाणी‘

वंदे मातरम् मिल कर गाए

आओ ऐसे दीप जलाए |अंतर मन का तम मिट जाए ||मन निर्मल ज्यूं गंगा माता |राम भरत ज्यूँ सारे भ्राता || रामायण की गाथा गाए |भवसागर से तर तर जाए || चोरी हिंसा हम दूर भगाए |वंदे मातरम् मिल कर