गुनाहों की दुनिया मेंह्महर गुनाह से बचते रहेइसीलिए कि हमारेनन्हें मासूम बच्चे हैंमगरबेगुनाह होना हीकितना बड़ा गुनाह हो गयाकिआज कल गुनहगारों की बस्ती मेंबेगुनाहों के घरसरे आम तबाह हो रहें |
चवन्नी और अठन्नी
आज कलजहाँ देखो वहाँकई मितव्ययी दांतपराई अठन्नी को भीइतनी जोर से दबाते हैंकिबेचारी अठन्नीदबती – दबती चवन्नी बन जातीजब भीवह खोटी चवन्नी निकलतीइतनी तेज गति से निकलतीकि उन कंजूस सेठों का जबड़ा हीबाहर निकल जाताऔरइस एक ही झटके में शरीर