केवल मुद्रा-बल सेविभिन्न प्रकार कीमुद्राएं बना-बना करपीछले कई वर्शों सेकहीं दिन कोकहीं रात कोकहीं सुबह कोकहीं शाम कोभांत-भांत केहजारों विद्यालयों मेंलाखों अधूरेकर रहेंकरोड़ों को पूरेकर रहेकरोड़ो पूरे । इसीलिएअब तकना तो उन्हें बना सके पूरेनास्वयं ही बन सके पूरे ।