महामंत्र

यह सत्य हैमनुश्यइस वासनामय संसार मेंधृतराष्ट्र की तरहअंधे ही जन्म लेते हैं। किन्तुयह समस्यादुगुणी होकरसौगुणी तब हो जाती हैजबपतिव्रता गांधारी भीअपने ही हाथों सेअपनी ही आंखों परकाली पट्टी बांधपति के समकक्ष होजन्म दे देतीसौ-सौ पुत्रों को । दोनों में से