मई-जून कीइस तपती दोपहरी मेंफ्रिज केठण्डे जल कागिलास भी मेरे लिएरूचिकर नहीं हैक्योंकिअभी-अभी तोसो कर उठा हूँमैंकूलर की हवा से ।
मेरी वेब साईट मेरे निजी ख्यालों का
मेरी वेब साईट मेरे निजी ख्यालों का यानि कि जिंदगी से जुड़े हुए रूहानी नजरियों का वो कागजी पुलिंदा है जो ठसाठस भरे हुए बैंक लोकर्स से भी लाखों गुना ज्यादा अपनी जाईन्दा औलादों की तरहां बेहद अजीज है। अमृत‘वाणी’