आम्बा वाया मोकळा , देशी नाक्यो खाद ।पोता–पोती खावता , मने करेगा याद ।।मने करेगा याद , गजब का हा दादाजी ।ग्या बेकुंठा माय , कहे धरती माताजी ।।के ‘वाणी’ कविराज, होचजो लोग–लुगाया ।कुण–कुण करसी याद, थां कई आम्बा वाया
आम्बा वाया मोकळा , देशी नाक्यो खाद ।पोता–पोती खावता , मने करेगा याद ।।मने करेगा याद , गजब का हा दादाजी ।ग्या बेकुंठा माय , कहे धरती माताजी ।।के ‘वाणी’ कविराज, होचजो लोग–लुगाया ।कुण–कुण करसी याद, थां कई आम्बा वाया