जवानी की कहानी

जवानी ऐसी आग है जो आग से ही बुझती कैसे जैसे लोहा लोहे को काटता है । आश्चर्य तो यह जो इस आग को बुझाने आते बड़े शौक से रजाबंदी से खुद भी जल जाते वे आग बुझाते ही रहते