शहीदों की अंतिम श्वांसो पर
हर इतिहास
आज भी जिंदा है
चंद बंदों की खिदमतों पर
आसमां का खुदा
आज भी जिंदा हैं
सुर-ताल से
कलमकारों
आग और पानी
बरसाओं तो जाने
वे
दीपक और मल्हार रागें तो
आज भी जिंदा हैं ।
आज भी जिंदा है
शहीदों की अंतिम श्वांसो पर
हर इतिहास
आज भी जिंदा है
चंद बंदों की खिदमतों पर
आसमां का खुदा
आज भी जिंदा हैं
सुर-ताल से
कलमकारों
आग और पानी
बरसाओं तो जाने
वे
दीपक और मल्हार रागें तो
आज भी जिंदा हैं ।