आओ ऐसे दीप जलाए |
अंतर मन का तम मिट जाए ||
मन निर्मल ज्यूं गंगा माता |
राम भरत ज्यूँ सारे भ्राता ||
अंतर मन का तम मिट जाए ||
मन निर्मल ज्यूं गंगा माता |
राम भरत ज्यूँ सारे भ्राता ||
रामायण की गाथा गाए |
भवसागर से तर तर जाए ||
चोरी हिंसा हम दूर भगाए |
वंदे मातरम् मिल कर गाए ||
कवि अमृत ‘वाणी’
वंदे मातरम् मिल कर गाए